कलीसिया स्वभाव से मिशनरी है
(Church by its nature is MISSIONARY)
मिशन पिता ईश्वर का है। पुत्र ईश्वर को उद्धारक के रूप में पिता ईश्वर ने इसलिए भेजा ताकी शैतान के वश में पड़े मानव को दासता से छुडा सकें। हमारी मुक्ति हो गई है।
इस मुक्ति के फलों को दुनिया के अंत तक सभी मनुष्यों को देने के लिए प्रभु येसु कलीसिया की स्थापना की। ईश्वर आपको छुडाने के लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिए।
आप जानते हैं क्यों और कैसे तथा येसु के मुक्ति कार्यों का फल आपको कैसे मिलते हैं? यह आपको जिम्मेदार बनाता है।
The Mission is of the Father. He sent His only Son to REDEEM us from the slavery of sin and satan. To give / perpetuate the fruits of the Christ Event, Christ founded the Church.
Do you know HOW & WHY you receive those fruits and what is your responsibility towards it?
To listen to the podcast, click the link:
https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/Church-by-its-nature-is-MISSIONARY-el7dpi
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