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मरियम के साथ यात्रा [भाग - 10] मरियम के समान मौन एवं एकांत में रहने की जरूरत

  मरियम के साथ यात्रा [भाग - 10] मरियम के समान मौन एवं एकांत में रहने की जरूरत सुनने   के   लिए ,  लिंक   पर   क्लिक   करेंः Anchor https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/--10-empht9 Google https://www.google.com/podcasts?feed=aHR0cHM6Ly9hbmNob3IuZm0vcy8zOTljZGUyOC9wb2RjYXN0L3Jzcw == Pocket Cast https://pca.st/pj63x4xf RadioPublic https://radiopublic.com/mary-the-mother-of-god-G1ew1Y Spotify https://open.spotify.com/show/6N1RFLqW5QoveOhLE7lseU मरियम के समान मौन एवं एकांत में रहना शब्द का हमारे शरीर में शरीर-धारण करने में अनिवार्य है। प्रकाशना ग्रन्थ 3: 20 मैं द्वार के सामने खड़ा हो कर खटखटाता हूँ। यदि कोई मेरी वाणी सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके यहाँ आ कर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ। 1 राजा 19:11-13 11) प्रभु ने उस से कहा, "निकल आओ, और पर्वत पर प्रभु के सामने उपस्थित हो जाओ“। तब प्रभु उसके सामने से हो कर आगे बढ़ा। प्रभु के आगे-आगे एक प्रचण्ड आँधी चली- पहाड़ फट गये और चट्टानें टूट गयीं , किन्तु प्रभु आँधी में नहीं था। आँधी के बाद भूकम्प हुआ , किन्तु प्रभु भूकम्प मे