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मरियम के साथ यात्रा - भाग 2 [ईश्वर की कृपा में बढ़ना]

मरियम के साथ यात्रा - भाग 2 [ईश्वर की कृपा में बढ़ना]   ईश्वर ने हमें अपने लिए ही बनाया है। उनसे सयुंक्त होने से ही हम अपने जीवन में अर्थ और जीवन भी पा सकते हैं। अपने पाप के कारण मनुष्य ईश्वर से अलग हुआ। उनसे अलग, मनुष्य निर्जीव और मरा हुआ है। ईश्वर हमें प्रभु येसु के जीवन और मृत्यु के फलों को संस्कार के रूप में कलीसिया के द्वारा देते हैं। ईश्वर जीवन ही कृपा कहलाता है। मरियम ईश्वर से जुड़ी रहीं; इसलिए वह ईश्वरीय कृपा से परिपूर्ण थीं। हम मरियम के सामन ईश्वरीय जीवन में, ईश्वरीय कृपा में बढ़ने के लिए बुलाए जाते हैं। इस रहस्य को गहराई से जानने फादर जार्ज मेरी क्लारट की सुनिए। Click the link, to listen to the episode https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/---2-elhs6a

मरियम के साथ यात्रा - Introduction

 मरियम के साथ यात्रा - Introduction   इस दुनिया में आने के पहले कहाँ थे? क्या आप एक्सिडेंट हैं? - आपका जन्म अचानक किसी के अनजाने में हुआ? यदि मैं आपसे कहूँ "इस दुनिया को रचने से पहले ही ईश्वर आपको जानते थे", आपका क्या विचार है? इस संबंध में मरियम क्या कहना चाहती हैं? जानने सुनिए मरियम के साथ यात्रा में फादर जार्ज मेरी क्लारट भी आपके साथ! Click the link, to listen to the podcast: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/ep-elfp6i

मरियम के साथ यात्रा Journey with Mary

 मरियम के साथ यात्रा Journey with Mary  मानव जीवन का लक्ष्य येसु बनना है। यह लक्ष्य एक प्रक्रिया (Process) या यात्रा के समान है। इस यात्रा में मरियम हमारे हमसफ़र हैं। उनके पदचिन्हों पर हमें भी चलना है। क्या आप इस यात्रा के लिए, इइ प्रक्रिया के लिए तैयार हैं? मरियम के साथ आपके इस यात्रा में मैं, फादर जार्ज मेरी क्लारट, आपके साथ हूँ। आज से हम इस यात्रा के एक निश्चित कदम उठाने जा रहे हैं। अपना विचार जरूर प्रकट करिए। हमारे WhatsApp group में जुडिए https://chat.whatsapp.com/Hf0PgVU8vna2ROkloDkZUh या T elegram Group में https://t.me/joinchat/SH1gMxrZFvLQvYZQlbM8Xg या Facebook Page like करें https://www.facebook.com/ForGreaterGloryofGod/ Click the link to listen to the podcast: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/---6-------146-55-The-Magnificat-Luke-146-55-elc2u8

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 6 [मरियम का भजन] - लूकस 1:46-55 The Magnificat (Luke 1:46-55)

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 6 [मरियम का भजन] - लूकस 1:46-55 The Magnificat (Luke 1:46-55)   मरियम का एलिजाबेथ से मिलन "मरियम के भजन" के साथ समाप्त होता है। मरियम अपने आपको प्रभु की सबसे छोटी दासी के रूप में देखती है। अपने आपको "मानव ईश्वर" नहीं जो स्वयं निर्णय लेता और दूसरों पर अपनी इच्छा थोप्ता, पर सच्चे ईश्वर की इच्छा उनसे जानती और उनको पूर्ण करने के लिए "अपने आपको ईश्वर की दीन दासी" के रूप में अर्पित करती है। मरियम का भजन ईश्वर के प्रति उसकी भावना का प्रकटीकरण है। हमें भी मरियम का मनोभाव अपनाने की जरुरत है। The Magnificat is the culmination of Mary's visit to Elizabeth. This Song of her heart reflects her attitude and relationship to God. Mary always discerned the will of God and to fulfill that she surrendered herself as "the humblest slave of God". Magnificat is the expression of her heart's feelings and attitude towards God. To reflect on the Magnificat with Fr. George Mary Claret, listen to the episode. Click the link, to liste

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन (भाग-5) [मरियम - नये विधान की पवित्र मंजूषा - The Ark of the Covenant]

  मरियम का एलिजाबेथ से मिलन (भाग-5) [मरियम - नये विधान  की पवित्र मंजूषा  - The Ark of the Covenant] पुराने विधान में प्रभु की मंजूषा प्रभु की उपस्थिति का प्रतीक था। नयी मंजूषा, मरियम, में ईश्वर व्यक्तिगत रूप से, पूर्ण रूप से विद्यमान हैं। क्या मरियम प्रभु की मंजूषा / नये विधान की पवित्र मंजूषा कहला सकती हैं? आईये हम मनन करें। In the Old Testament, the Ark of the Covenant was a sign of God's Presence. In Mary, the New Ark of the Covenant, God is present in PERSON. Can Mary be called the Ark of the Covenant? Come, let's ponder over it. Click the link, to listen to the podcast: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/-5-----------The-Ark-of-the-Covenant-ela9n9

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 4 (लूकस 1:43-44) VISITATION - [Part 4]

    मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 4 (लूकस 1:43-44)  VISITATION - [Part 4]   "मरियम ईश्वर की माँ है"। यह घोषणा एलिजाबेथ नहीं, बल्कि उनके द्वारा पवित्र आत्मा करते हैं। इसका कारण जानने सुनिए। "Mary is the Mother of God" was the proclamation not of Elizabeth, rather of the Holy Spirit. God, the Holy Spirit proclaims it through Elizabeth. To know more about this episode, listen to it. To listen to the episode, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/---4--143-44-VISITATION---Part-4-el8kqo

कलीसिया स्वभाव से मिशनरी है (Church by its nature is MISSIONARY)

कलीसिया स्वभाव से मिशनरी है  (Church by its nature is MISSIONARY)   मिशन पिता ईश्वर का है। पुत्र ईश्वर को उद्धारक के रूप में पिता ईश्वर ने इसलिए भेजा ताकी शैतान के वश में पड़े मानव को दासता से छुडा सकें। हमारी मुक्ति हो गई है। इस मुक्ति के फलों को दुनिया के अंत तक सभी मनुष्यों को देने के लिए प्रभु येसु कलीसिया की स्थापना की। ईश्वर आपको छुडाने के लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिए। आप जानते हैं क्यों और कैसे तथा येसु के मुक्ति कार्यों का फल आपको कैसे मिलते हैं? यह आपको जिम्मेदार बनाता है। The Mission is of the Father. He sent His only Son to REDEEM us from the slavery of sin and satan. To give / perpetuate the fruits of the Christ Event, Christ founded the Church. Do you know HOW & WHY you receive those fruits and what is your responsibility towards it? To listen to the podcast, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/Church-by-its-nature-is-MISSIONARY-el7dpi

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 3 (लूकस 1:42) VISITATION (Part 03 - Luke 1:42)

 मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 3 (लूकस 1:42)  VISITATION (Part 03 - Luke 1:42) लूकस 1:42 पर पवित्र आत्मा एलिजाबेथ के द्वारा मरियम को "धन्य" घोषित करते हैं। वचन पर आधारित इस घोषणा का अभिप्राय जानने सुनिए और दूसरों को भी सुनाइए। The Holy Spirit through Elizabeth proclaims Mary as "BLESSED" as we read in Luke 1:42. To know more about this, kindly listen to the Reflection based on Luke 1:42. To listen to the podcast, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/Living-as-God-wants-and-for-His-Greater-Glory-el5hen

ईश्वर की इच्छा अनुसार औ उनकी महिमा के लिए जीना Living as God wants and for His Greater Glory

 ईश्वर की इच्छा अनुसार औ उनकी महिमा के लिए जीना  Living as God wants and for His Greater Glory मानव जीवन एक यात्रा है जो हम अपने वास्तविक घर (स्वर्ग - फिलिप्पियों 3:20) की ओर कर रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण यात्रा में हमारे ध्यान भटकाने औ ईश्वर द्वारा निर्धारित उस जीवन लक्ष्य से हमें दूर करने बहुत सारे प्रलोभनों एवं समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्या आपके जीवन में अनसुलझी समस्याएं हैं? उनका सामना कैसे करते हैं? उनके सुलझाने के लिए आप क्या करते हैं? उनसे बेहतर तरीके क्या हो सकती हैं? क्या उनका सामना करने में मरियम, यूसुफ और योब हमें कुछ सिखा सकते हैं? क्या आप सच्चे ईश्वर को जानते हैं? क्या आप ईश्वर के साथ हैं? क्या आपने कभी सोचा है "क्यों हम ईश्वर से अलग हो जाते हैं" ? Do you have unsolved pestering problems in life? What do you do to solve them? How do you face them? What could be a better way to face them? Can Mary, Joseph, and Job teach us to face these frustrating perpetual problems? Are you with God? Have you experienced Him? Have you really known the REAL God? Have you eve

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 02 [लूकस 1:40-41] The Visitation [Part 2]

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 02 [लूकस 1:40-41]  The Visitation [Part 2]  जब दुनिया मुक्तिदाता की इन्तजार कर रही थी, निर्धारित समय पर ईश्वर अपने एकलौता पुत्र को मुक्तिदाता के रूप में भेजे। मरियम उसी येसु को दुनिया को देने निकल पडती है। मरियम और एलिजाबेथ, दोनों के गर्भ - येसु और योहन बप्तिस्ता - एक दूसरे से मिलते हैं। आइये हम सब मिलकर, माँ मरियम की संगति में इस आनंद के मिलन पर मनन करें। When the world was waiting for the Savior, God sent His only Son to redeem the world. Mary goes in a hurry to give the Savior, in her womb, to the world. Mary and Elizabeth, Jesus, and John the Baptist meet each other and converse. John meets His Master and God and is so joyful that he can't, but express his joy by leaping in his mother's womb. Come, let's join contemplating this Joyful Mystery along with Mary. Click the link to listen https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/---02--140-41-el4su2

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन (लूकस 01:39) - भाग 01 The Visitation [Part 1]

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन (लूकस 01:39) - भाग 01   The Visitation [Part 1]  मरियम पहली सुसमाचार प्रचारक हैं।  ईश्वर के पुत्र को अपने गर्भ में लेकर ईश्वरीय आनंद, जो पवित्र आत्मा का फल है, से भर कर, सुसमाचार सुनाने के लिए एलिजाबेथ से मिलने निकलती हैं।  इस घटना का अर्थ औ महत्व को जानने सुनिए।  Mary is the first evangeliser, as She not only announced the Gospel, but also took Jesus to Elizabeth.  She was filled with the Holy Spirit and so blessed with ALL THE FRUITS OF THE HOLY SPIRIT. Joy is one of them. She hurried to announce the Good News (Gospel) and give God to Elizabeth.  To know more, kindly listen. Click the link to listen https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/0139----01-el3a95

आनंद का तीसरा भेद - मुक्तिदाता प्रभु येसु का जन्म [The third Joyful Mystery - The Birth of Jesus]

 आनंद का तीसरा भेद - मुक्तिदाता प्रभु येसु का जन्म  [The third Joyful Mystery - The Birth of Jesus]  लूकस 2:1-20 पर आधारित मनन चिंतन। येसु वास्तव में ईश्वर हैं या मनुष्य या दोनों ? येसु का जन्म का हमारे जीवन में क्या महत्व? जिस परिस्थिति में प्रभु येसु का जन्म हुआ - बेथलहम, चरनी, स्वर्गदूतों का आगमन, चरवाहे, आदि का मतलब क्या है? येसु का जन्म ईश्वर के असीम प्रेम को प्रकट करता है। Is Jesus truly God or man or BOTH? What's the importance of the Birth of Jesus in our life? What's the meaning of the circumstances in which Jesus was born? Click the link to listen to the podcast: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/-------The-third-Joyful-Mystery---The-Birth-of-Jesus-el1hvf

दूत संवाद - भाग 7 [लूकस 1:36-38]

 दूत संवाद - भाग 7  [लूकस 1:36-38] लूकस 1:36-38 पर आधारित मनन चिंतन। पुराने विधान की साराह (उत्पत्ति ग्रंथ 18:10-15 ; सामूएल की माँ अन्ना (1 सामूएल 1:9-18) मरियम के प्रतीक हैं। मरियम हमारे लिए जीवंत आदर्श एवं उदाहरण हैं। सुनिए और प्रेरणा पाइए। To listen to the podcast, click the link https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/---7--136-38-el1blu

दूत संवाद - भाग 6 The Annunciation [Part 06]

  दूत संवाद - भाग 6  The Annunciation [Part 06] लूकस 1:34-35      ईश्वर का पुत्र कैसे मनुष्य बने?                           उनके शरीरधारण औ हमारी मुक्ति का क्या कनेक्शन है?    और भी विश्वास के बारे में जानने, सुनिए ! To know more, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/---6-ekvpbp

दूत संवाद (भाग 04) The Annunciation [Part 04]

 दूत संवाद (भाग 04)  The Annunciation [Part 04]  लूकस 1:30-31 दूत संवाद के द्वारा ईश्वर अपनी योजना हम पर प्रकट किए हैं। लूकस 1:30-31 पर के इस मनन चिंतन में उत्पत्ति ग्रंथ 3:15 एवं नबि इसायाह 7:14 में ईश्वर द्वारा की गयी भविष्यवाणी पूरा होते हुए पाते हैं। इसको समझने सुनिए। To listen, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/04-eksmeu

आनंद का पहला भेद - स्वर्ग दूत मरियम को संदेश देते हैं The First Joyful Mystery - The Annunciation

 आनंद का पहला भेद - स्वर्ग दूत मरियम को संदेश देते हैं             The First Joyful Mystery - The Annunciation        माँ मरियम की कक्षा में, माँ मरियम के साथ और माँ मरियम के द्वारा प्रभु येसु के जीवन से चुने गए 20 रोजरी विन्ती के रहस्यों में से पहले रहस्य पर मनन करने सुनिए। To listen, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/--eksa1k

दूत संवाद (भाग 1) Annunciation [Part 01]

दूत संवाद (भाग 1)        Annunciation [Part 01]     ईश्वर स्वर्ग दूत गाब्रिएल के द्वारा मरियम को संदेश देते हैं कि वह, पुत्र ईश्वर की माँ बने। ईश् पुत्र मरियम से शरीर-धारण कर मनुष्य बनेंगे और मानव को उनके पापों से मुक्ति दिला कर पिता के साथ मेल मिलाप कराएंगे। इन बातों पर मनन करने सुनिए। To listen to the episode, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/1-eks9d3

दूत संवाद (भाग 3) Annunciation [Part 3]

दूत संवाद (भाग 3)   Annunciation [Part 3]    दूत संवाद भाग 3 में "प्रभु आपके साथ हैं" का अर्थ समझने जरूर सुनिए। To listen, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/3-ekrhmi

दूत संवाद (भाग 2) Annunciation (Part 2)

 दूत संवाद (भाग 2)   Annunciation (Part 2) ईशवर के मुक्ति कार्यों में माँ मरियम का महत्व समझने औ उनके प्रति हमारे योग्य आदर और सम्मान को जानने सुनिए। To listen, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/2-ekq5v8

माँ मरियम का पवित्र नाम HOLY NAME OF MARY

 माँ मरियम का पवित्र नाम    HOLY NAME OF MARY  The Holy Name of Mary is a very powerful tool of intercession and exorcism. To listen, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/ep-ekn83g

ख्रीस्तिय जीवन में माँ मरियम का महत्व (The Importance of Mother Mary in the Christian Life)

 ख्रीस्तिय जीवन में माँ मरियम का महत्व  The Importance of Mother Mary in the Christian Life Mother Mary plays a very important role in the life of Christians. Mother Mary is very often not given the place she actually has in our journey towards the Heavenly Abode. "To Jesus through Mary " is the path to holiness and the road to eternal life. In this episode, the listeners would get important input on the Blessed Virgin Mary. To listen to the episode, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/The-Importance-of-Mother-Mary-in-the-Christian-Life-ekkcb4

A WAY TO REFLECT THE WORD OF GOD

  A WAY TO REFLECT THE WORD OF GOD There are so many ways to reflect the Word of God. One of them is as follows: Sit in a comfortable position. Breathe deep counting from 10 to 0 to calm down the mind. Pray to God for the Holy Spirit to reveal the truth hidden in those words.  Open the verse intended for reflection.  Read as many times as needed until you could remember the words because you are going to close the Bible. Close the eyes and repeat the second step again. Let the words appear in front of your eyes. Don't try to think about the words. Let the words SPEAK to you. Give enough time to the words to speak and don't force. Once done, write whatever you heard the words spoke to you.  Thank God for the gift of revelation through those words.

QUICK SUMMARY OF POPE’S NEW DOCUMENT ON HOLINESS

  QUICK SUMMARY OF POPE’S NEW DOCUMENT ON HOLINESS https://aleteia.org/2018/04/09/quick-summary-of-popes-new-document-on-holiness/ Aleteia  - published on 04/09/18 Gaudete et exsultate: On the Call to Holiness in Today’s World GAUDETE ET EXSULTATE ON THE CALL TO HOLINESS IN TODAY’S WORLD 1. “REJOICE AND BE GLAD” (Mt 5:12), Jesus tells those persecuted or humiliated for his sake. The Lord asks everything of us, and in return he offers us true life, the happiness for which we were created. He wants us to be saints and not to settle for a bland and mediocre existence. The call to holiness is present in various ways from the very first pages of the Bible. We see it expressed in the Lord’s words to Abraham: “Walk before me, and be blameless” (Gen 17:1). 2. What follows is not meant to be a treatise on holiness, containing definitions and distinctions helpful for understanding this important subject, or a discussion of the various means of sanctification. My modest goal is to r

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 4 (लूकस 1:43-44) VISITATION (Luke 1:43-44)

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन  - भाग 4 (लूकस 1:43-44)  VISITATION (Luke 1:43-44) ख्रीस्ति में प्रिय भाइयो औ बहनो "मरियम ईश्वर की माँ है" । यह घोषणा एलिजाबेथ नहीं, बल्कि उनके द्वारा पवित्र आत्मा करते हैं। एलिजाबेथ को मरियम का स्वर्ग दूत का संदेश  की जानकारी नहीं थी। पर उसके इसकी जानकारी किसने द? जानने सुनिए।  "Mary is the Mother of God"  was the proclamation not of Elizabeth, rather of the Holy Spirit. God, the Holy Spirit proclaims it through Elizabeth.   To know more about this episode, listen to it. To listen, click the link: https://anchor.fm/greatergloryofgod/episodes/---4--143-44-VISITATION---Part-4-el8kqo https://www.google.com/podcasts?feed=aHR0cHM6Ly9hbmNob3IuZm0vcy8zOTljZGUyOC9wb2RjYXN0L3Jzcw ==

Living as God wants and for His Greater Glory [ईश्वर की इच्छा अनुसार औ उनकी महिमा के लिए जीना ]

ईश्वर की इच्छा अनुसार औ उनकी महिमा के लिए जीना   Living as God wants and for His Greater Glory  मानव जीवन एक यात्रा है जो हम अपने वास्तविक घर (स्वर्ग - फिलिप्पियों 3:20) की ओर कर रहे हैं। स चुनौतीपूर्ण यात्रा में हमारे ध्यान भटकाने औ ईश्वर द्वारा निर्धारित उस जीवन लक्ष्य से हमें दूर करने बहुत सारे प्रलोभनों एवं समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्या आपके जीवन में अनसुलझी समस्याएं हैं? उनका सामना कैसे करते हैं? उनके सुलझाने के लिए आप क्या करते हैं? उनसे बेहतर तरीके क्या हो सकती हैं? क्या उनका सामना करने में मरियम, यूसुफ और योब हमें कुछ सिखा सकते हैं? क्या आप सच्चे ईश्वर को जानते हैं? क्या आप ईश्वर के साथ हैं? क्या आपने कभी सोचा है "क्यों हम ईश्वर से अलग हो जाते हैं"   ? Do you have unsolved pestering problems in life? What do you do to solve them? How do you face them? What could be a better way to face them? Can Mary, Joseph, and Job teach us to face these frustrating perpetual problems? Are you with God? Have you experienced Him? Have you really known the REAL God? Have you e

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 02 [लूकस 1:40-41] Reflection on the Visitation - Part 02 (Luke 1:40-41)

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन - भाग 02 [लूकस 1:40-41]   Reflection on the Visitation - Part 02 (Luke 1:40-41)  जब दुनिया मुक्तिदाता की इन्तजार कर रही थी, निर्धारित समय पर ईश्वर अपने एकलौता पुत्र को मुक्तिदाता के रूप में भेजे। मरियम उसी येसु को दुनिया को देने निकल पडती है। मरियम और एलिजाबेथ, दोनों के गर्भ - येसु और योहन बप्तिस्ता - एक दूसरे से मिलते हैं। आइये हम सब मिलकर, माँ मरियम की संगति में फादर जार्ज मेरी क्लारट साथ इस आनंद के मिलन पर मनन करें। When the world was awaiting the Savior, God sent His only Son to redeem the wor ld. Mary goes in a hurry to give the Savior, in her womb, to the world. Mary and Elizabeth, Jesus, and John the Baptist meet each other and converse. John meets His Master and God and is so joyful that he can't, but express his joy by leaping in his mother's womb. Come, let's join contemplating on this Joyful Mystery along with Mary through Fr. C. George Mary Claret (Archdiocese of Raipur). सुनने के लिए क्लिक करें Kindly click to listen https://www.google

Reflection on the Visitation - Part 01 in Hindi (Luke 1:39) मरियम का एलिजाबेथ से मिलन

मरियम का एलिजाबेथ से मिलन  - भाग 01 (लूकस 1:39) Fr. C. George Mary Claret के साथ मनन करने सुनिए और दूसरों को भी सुनाइए  मरियम पहली सुसमाचार प्रचारक हैं।  ईश्वर के पुत्र को अपने गर्भ में लेकर ईश्वरीय आनंद, जो पवित्र आत्मा का फल है, से भर कर, सुसमाचार सुनाने के लिए एलिजाबेथ से मिलने निकलती हैं।  इस घटना का अर्थ औ महत्व को जानने सुनिए।        Mary is the first evangeliser, as She not only announced the Gospel but also took Jesus to Elizabeth. She was filled with the Holy Spirit and so blessed with ALL THE FRUITS OF THE HOLY SPIRIT. Joy is one of them. She hurried to announce the Good News (Gospel) and give God to Elizabeth. To know more, kindly listen. Click the link to hear: https://anchor.fm/ChurchBibleTradition/episodes/0139----01-el3a95     https://www.google.com/podcasts?feed=aHR0cHM6Ly9hbmNob3IuZm0vcy8zOTljZGUyOC9wb2RjYXN0L3Jzcw ==